क्यों सुबह के समय ज्यादा होते हैं हार्ट अटैक,हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक यानी हृदयाघात का शिकार होते हैं। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक की घटनाएं सुबह के समय ज़्यादा होती हैं और यह समय दिल की सेहत के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है। लेकिन सवाल उठता है — आख़िर ऐसा क्यों होता है? सुबह के समय ही हार्ट अटैक का खतरा इतना अधिक क्यों होता है?
इस लेख में हम विशेषज्ञों की राय, मेडिकल रिसर्च और बचाव के उपायों की जानकारी साझा कर रहे हैं ताकि आप खुद को और अपने प्रियजनों को इस गंभीर स्थिति से बचा सकें।
हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक, जिसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Myocardial Infarction) कहा जाता है, तब होता है जब दिल को ऑक्सीजन युक्त खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। आमतौर पर ऐसा कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज के कारण होता है, जिससे दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।क्यों सुबह के समय ज्यादा होते हैं हार्ट अटैक
सुबह के समय हार्ट अटैक के पीछे के वैज्ञानिक कारण
विशेषज्ञों के अनुसार सुबह के समय हार्ट अटैक की घटनाएं ज़्यादा होने के पीछे कई जैविक और फिजियोलॉजिकल कारण होते हैं:
- कोर्टिसोल का स्तर अधिक होना
सुबह 6 से 10 बजे के बीच शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) हार्मोन का स्तर सबसे अधिक होता है। कोर्टिसोल शरीर को जागृत करने में मदद करता है लेकिन यह ब्लड प्रेशर और हृदय गति को भी बढ़ा देता है, जिससे दिल पर अधिक दबाव पड़ता है।
- ब्लड क्लॉटिंग की क्षमता बढ़ जाना
सुबह के समय शरीर का खून थोड़ा गाढ़ा होता है। प्लेटलेट्स की एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे खून में थक्का बनने की संभावना बढ़ती है। यही थक्का आर्टरी को ब्लॉक कर हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
- ब्लड प्रेशर में अचानक वृद्धि
नींद से उठते ही ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। यदि पहले से ही व्यक्ति को हाई बीपी की समस्या है तो यह अचानक उछाल दिल पर गंभीर असर डाल सकता है।
- स्नायु तंत्र की उत्तेजना
सुबह के समय सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम अधिक सक्रिय होता है, जो दिल की धड़कन को तेज करता है और हार्ट की डिमांड को बढ़ा देता है।
- ठंडी सुबहें और हृदय पर असर
सर्दियों में सुबह का तापमान कम होता है। ठंड शरीर की नसों को संकुचित कर देती है, जिससे ब्लड फ्लो में रुकावट आती है और हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।
सुबह के हार्ट अटैक अधिक खतरनाक क्यों होते हैं?
- दिल को अधिक नुकसान पहुंचता है
सुबह के समय दिल की कोशिकाएं ऑक्सीजन की कमी को कम सहन कर पाती हैं, जिससे हार्ट टिश्यूज़ को अधिक नुकसान होता है।
- रिपेयर मैकेनिज्म कमजोर होता है
सुबह के समय बॉडी की हीलिंग और सेल रिपेयर प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे हार्ट अटैक के बाद रिकवरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
- अचानक लक्षणों की पहचान में देर
कई बार लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को गैस या थकान समझ बैठते हैं, खासकर सुबह के वक्त। इससे इलाज में देरी होती है और खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
सीने में तेज दर्द या दबाव
बाएं हाथ, पीठ, जबड़े या गर्दन में दर्द
सांस लेने में तकलीफ
अत्यधिक पसीना आना
चक्कर आना या बेहोशी
किन लोगों को सुबह के हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा?
- डायबिटीज और हाई बीपी के मरीज
इन रोगियों में पहले से ही नसों में ब्लॉकेज की संभावना होती है। सुबह का ब्लड प्रेशर उछाल उन्हें अधिक खतरे में डाल देता है।
- वजन अधिक होना (Obesity)
मोटापा दिल की धमनियों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे सुबह के समय हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले
इन आदतों से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, और सुबह का जोखिम और बढ़ जाता है।
- तनावग्रस्त और नींद पूरी न करने वाले लोग
मानसिक तनाव और नींद की कमी कोर्टिसोल को असामान्य रूप से बढ़ा सकती है।
सुबह हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
1. सुबह जल्दी उठते ही तेज गतिविधि न करें
बिस्तर से धीरे-धीरे उठें, कुछ मिनट बैठें और फिर हल्के स्ट्रेच करें। अचानक उठकर जॉगिंग या व्यायाम करने से परहेज करें।
2. हाई बीपी और शुगर को कंट्रोल में रखें
नियमित दवाइयां लें, डॉक्टर के संपर्क में रहें और समय-समय पर BP व शुगर की जांच कराते रहें।
3. भरपूर नींद लें (6-8 घंटे)
नींद की कमी कोर्टिसोल और कैटेकोलामिन हार्मोन के स्तर को असंतुलित कर देती है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
4. धूम्रपान और अल्कोहल का त्याग करें
यह दोनों आदतें ब्लड प्रेशर को अस्थिर करती हैं और हार्ट अटैक का खतरा दोगुना कर देती हैं।
5. हर दिन हल्का व्यायाम करें
स्ट्रेचिंग, योग और वॉकिंग हृदय को मजबूत बनाते हैं। लेकिन सुबह-सुबह बहुत भारी व्यायाम से बचें।
6. प्राणायाम और ध्यान करें
सुबह का ध्यान और श्वास व्यायाम कोर्टिसोल को संतुलित रखने में सहायक है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
डॉ. आर.के. अग्रवाल (कार्डियोलॉजिस्ट, दिल्ली) कहते हैं:
“सुबह का समय दिल के लिए बेहद संवेदनशील होता है। खासकर बुजुर्गों, हाई बीपी व शुगर मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सुबह की ठंड और अचानक ब्लड प्रेशर की वृद्धि हार्ट को क्षति पहुंचा सकती है।”
डॉ. मंजुला देसाई (हृदय रोग विशेषज्ञ, मुंबई):
“रात भर सोने के बाद शरीर में हाइड्रेशन की कमी हो जाती है। इसीलिए सुबह उठकर पानी पीना और धीरे-धीरे दिन की शुरुआत करना बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सुबह के समय हार्ट अटैक होना एक गंभीर वास्तविकता है, जिसके पीछे कई वैज्ञानिक और जैविक कारण होते हैं। लेकिन जागरूकता और सही दिनचर्या से इस खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है। अपनी जीवनशैली को संतुलित रखें, समय पर चेकअप कराएं और शरीर के हर छोटे संकेत को गंभीरता से लें।
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